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"साँस लेना भी कैसी आदत है / गुलज़ार" के अवतरणों में अंतर

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साँस लेना भी कैसी आदत है <br>
 
साँस लेना भी कैसी आदत है <br>
 
जीये जाना भी क्या रवायत है <br>
 
जीये जाना भी क्या रवायत है <br>

19:33, 11 मार्च 2009 का अवतरण

साँस लेना भी कैसी आदत है
जीये जाना भी क्या रवायत है
कोई आहट नहीं बदन में कहीं
कोई साया नहीं है आँखों में
पाँव बेहिस हैं, चलते जाते हैं
इक सफ़र है जो बहता रहता है
कितने बरसों से, कितनी सदियों से
जिये जाते हैं, जिये जाते हैं

आदतें भी अजीब होती हैं