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सांझ जरै-छै रात जरै छै / अश्विनी

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सांझ जरै-छै रात जरै छै
खेत जरै खलियान जरै छै
रोज यहॉ सम्मान जरै छै

महुआ सें भुटटा बारी तक
कुय्या से कोन्टा आरी तक
सगरो आगिन लह-लह लहकै
जै में सब इन्सान जरै छै

वेद पढ़ै नै गीता गावै
रोजे उल्टा पाठ पढ़ावै
राम, ईसा, नानक नामोॅ पर
खून के होली रोज मनाबै
घोघलोॅ में बैठली कनियैन केॅ
रोज यहॉ अरमान जरै छै

छोटकी, बड़की, मंझली गोतनी
भैया, भौजी आरोॅ पत्नी
पैसा केॅ सब्भे छै रिस्ता
रिस्ता रो भगवान जरै छै