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साक़िया इक नज़र जाम से पहले पहले / फ़राज़ का नाम बदलकर साक़िया एक नज़र जाम से पहले-पहले / फ़राज़ कर द
[[Category:गज़ल]]
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साक़िया इक एक नज़र जाम से पहले -पहलेहम को जाना है कहीं शाम से पहले -पहले
ख़ुश हुआ हो ऐ दिल ! के मुहब्बत तो निभा दी तूनेलोग उजड़ जाते हैं अंजाम से पहले -पहले
अब तेरे ज़िक्र पे हम बात बदल देते हैं
कितनी रग़बत थी तेरे नाम से पहले -पहले
सामने उम्र पड़ी है शब-ए-तन्हाई की
वो मुझे छोड़ गया शाम से पहले -पहले
कितना अच्छा था कि हम भी जिया करते थे 'फ़राज़'
ग़ैर-मारूफ़ -से गुमगुमनाम-नाम से पहले -पहले
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