भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

साडा चिड़ियाँ दा चंबा वे / पंजाबी

Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:00, 21 जून 2014 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

पंजाबी लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

साडा चिड़ियाँ दा चंबा वे
बाबल असां उड़ जाणा
साडी लम्मी उडारी वे
बाबल केहड़े देस जाणा

तेरे महिलां दे विच विच वे
बाबल चरखा कौन कत्ते?
मेरियां कत्तन पोतरियाँ
धिए घर जा अपणे

तेरे महिलां दे विच विच वे
बाबल गुडियां कौण खेडे?
मेरियां खेडण पोतरियाँ
धिए घर जा अपणे

मेरा छुट्या कसीदा वे
बाबल दस कौन कडे?
मेरियां कडन पोतरियाँ
धिए घर जा अपणे

तेरे बागां दे विच विच वे
बाबल डोला नहीं लंघदा
इक टहनी पुट देवाँ
धिए घर जा अपणे
 
तेरियां भिडीयाँ गलियाँ'च वे
बाबल डोला नहीं लंघदा
इक इट पुटा देवाँ
धिए घर जा अपणे