Last modified on 17 फ़रवरी 2009, at 00:21

सामने फ्लैट पर / रवीन्द्रनाथ त्यागी

गंगाराम (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:21, 17 फ़रवरी 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रवीन्द्रनाथ त्यागी |संग्रह= }} <poem> सामने फ्लैट पर ...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

सामने फ्लैट पर
जाड़ों की सुबह ने
अलसाकर जूड़ा बाँधा;

नीचे के तल्ले में
मफ़लर से मुँह ढाँप
सुबह ने सिगरेट पी

चिक पड़ी गोश्त की दुकान पर
सुबह के टुकड़े-टुकड़े किए गए,

मेरे बरामदे में
सुबह ने अख़बार फ़ेंका;

इसके बाद बन्बा खोल
मांजने लगी बरतन

किनारे की बस्तियों से
कमर पर गट्ठर लाद
सुबह चली नदी की ओर;

सिगनल के पास
मुँह में कोयला भरे लाल सीटी देती
सुबह पुल पर गुज़री।