भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"साये में धूप / दुष्यंत कुमार" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
 
(एक अन्य सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 36: पंक्ति 36:
 
* [[आज सड़कों पर / दुष्यंत कुमार]]
 
* [[आज सड़कों पर / दुष्यंत कुमार]]
 
* [[मेरे गीत तुम्हारे पास सहारा पाने आएँगे / दुष्यंत कुमार]]
 
* [[मेरे गीत तुम्हारे पास सहारा पाने आएँगे / दुष्यंत कुमार]]
* [[आज वीरान अपना घर देखा / दुष्यंत कुमार]]
 
* [[वो निगाहें सलीब है / दुष्यंत कुमार]]
 
* [[बाएँ से उड़के दाईं दिशा को गरुड़ गया / दुष्यंत कुमार]]
 
* [[अगर ख़ुदा न करे सच ये ख़्वाब हो जाए / दुष्यंत कुमार]]
 
* [[ज़िंदगानी का कोई मक़सद नहीं है / दुष्यंत कुमार]]
 
* [[ये सच है कि पाँवों ने बहुत कष्ट उठाए / दुष्यंत कुमार]]
 
* [[जाने किस—किसका ख़्याल आया है / दुष्यंत कुमार]]
 
* [[ये ज़ुबाँ हमसे सी नहीं जाती / दुष्यंत कुमार]]
 
* [[तुमको निहरता हूँ सुबह से ऋतम्बरा / दुष्यंत कुमार]]
 
* [[रोज़ जब रात को बारह का गजर होता है / दुष्यंत कुमार]]
 
* [[बाढ़ की संभावनाएँ सामने हैं / दुष्यंत कुमार]]
 
* [[हालाते-जिस्म, सूरते—जाँ और भी ख़राब / दुष्यंत कुमार]]
 
* [[ये जो शहतीर है पलकों पे उठा लो यारो / दुष्यंत कुमार]]
 
* [[धूप ये अठखेलियाँ हर रोज़ करती है / दुष्यंत कुमार]]
 
* [[पक गई हैं आदतें बातों से सर होंगी नहीं / दुष्यंत कुमार]]
 
* [[एक  कबूतर चिठ्ठी ले कर पहली—पहली बार उड़ा / दुष्यंत कुमार]]
 
* [[ये धुएँ का एक घेरा कि मैं जिसमें रह रहा हूँ / दुष्यंत कुमार]]
 
* [[तुमने इस तालाब में रोहू पकड़ने के लिए / दुष्यंत कुमार]]
 
* [[लफ़्ज़ एहसास—से छाने लगे, ये तो हद है / दुष्यंत कुमार]]
 
* [[ये शफ़क़ शाम हो रही है अब / दुष्यंत कुमार]]
 
* [[एक गुड़िया की कई कठपुतलियों में जान है / दुष्यंत कुमार]]
 
* [[बहुत सँभाल के रक्खी तो पाएमाल हुई / दुष्यंत कुमार]]
 
* [[वो आदमी नहीं है मुकम्मल बयान है / दुष्यंत कुमार]]
 
* [[किसी को क्या पता था इस अदा पर मर मिटेंगे हम / दुष्यंत कुमार]]
 
* [[होने लगी है जिस्म में जुंबिश तो देखिये / दुष्यंत कुमार]]
 
* [[मैं जिसे ओढ़ता-बिछाता हूँ / दुष्यंत कुमार]]
 
* [[अब किसी को भी नज़र आती नहीं कोई दरार / दुष्यंत कुमार]]
 
* [[तुम्हारे पाँव के नीचे कोई ज़मीन नहीं / दुष्यंत कुमार]]
 
* [[अफ़वाह है या सच है ये कोई नही बोला / दुष्यंत कुमार]]
 
* [[घंटियों की आवाज़ कानों तक पहुंचती है / दुष्यंत कुमार]]
 
* [[नज़र-नवाज़ नज़ारा बदल न जाए कहीं / दुष्यंत कुमार]]
 
* [[तूने ये हरसिंगार हिलाकर बुरा किया / दुष्यंत कुमार]]
 

12:51, 4 अगस्त 2014 के समय का अवतरण

साये में धूप
Saaye me dhoop.jpg
रचनाकार दुष्यंत कुमार
प्रकाशक राधाकृष्ण प्रकाशन,7/31, अंसारी रोड, दरियागंज, नई दिल्ली-110002
वर्ष जनवरी ०१, २००८
भाषा हिन्दी
विषय कविताएँ
विधा ग़ज़ल
पृष्ठ 64
ISBN 978-81-7119-794-1
विविध
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।