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|रचनाकार=मोहम्मद इक़बाल
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सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्ताँ हमारा
सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्ताँ हमारा
हम बुलबुलें हैं इसकी, यह गुलिसताँ हमारा ।
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