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सारे रंगों वाली लड़की-5 / भरत तिवारी

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सारे रंगों वाली लड़की
कहाँ हो?

तुम्हें याद है
कब मिले हम
कि हम अलग नहीं हो सकते
तुम्हें याद है

मौसम गर्मी, उमस का
सुहाना लगता है सिर्फ़
सारे रंगों वाली लड़की