झरे गुलाबी आँसू तुम्हारे कानों के तल में
शाश्वतता मचली श्वेत गुद्दी से नितम्ब तक
सागर ने गढ़े गेरुए मोती-मनके सिन्दूरी छाती पर
और आदमी का स्याह रक्त बहा तुम्हारे परम पहलू मे
मूल फ़्रांसीसी भाषा से अनुवाद : मदन पाल सिंह
झरे गुलाबी आँसू तुम्हारे कानों के तल में
शाश्वतता मचली श्वेत गुद्दी से नितम्ब तक
सागर ने गढ़े गेरुए मोती-मनके सिन्दूरी छाती पर
और आदमी का स्याह रक्त बहा तुम्हारे परम पहलू मे
मूल फ़्रांसीसी भाषा से अनुवाद : मदन पाल सिंह