भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

सिन्दबाद :पांच / अवतार एनगिल

Kavita Kosh से
प्रकाश बादल (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:59, 12 सितम्बर 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अवतार एनगिल |संग्रह=अन्धे कहार / अवतार एनगिल }} <poem>...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

सागर किनारे
ठगे-से-खड़े
नारियल के पेड़
एक-दूसरे से पूछते हैं :
अरे द्वीप-दर-द्वीप भटककर
हमारे तट पर आन उतरने वाला
और बेनागा
ग़ोताखोरों को गहराईयों में भेजकर
बहुमूल्य मोती पाने वाला सिन्दबाद
क्या सचमुच
हमारी मोतियों अटी खाड़ी छोड़कर
चला जाएगा
छोड़कर हमें
अपने,अपने देश ?