भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

सिया सचदेव / परिचय

Kavita Kosh से
Dr. ashok shukla (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:04, 10 अगस्त 2012 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

6 अगस्त 1970 को लखनऊ के पास सीतापुर में जन्मी सिया सचदेव को बचपन से ही कला-संगीत का वातावरण मिला। उनके पिता बहुत अच्छे संगीतज्ञ थे। यही कारण था कि उन्होंने कच्ची उम्र से ही कविताएं लिखना शुरू कर दिया। यह जज़्बा मजबूती पकड़ पाता कि विवाह और घर-गृहस्थी के दायित्व ने सिया को व्यस्त कर दिया। इस दौरान लिखने-पढ़ने का शौक जारी तो रहा लेकिन वह जुनून बना 2009 से, जब सिया बच्चों की शिक्षा-दीक्षा से कुछ फारिग हुईं। इस जुनून का नतीजा दिखा इसी साल 2011 में जब उनकी ग़ज़लों का पहला मजमुआ ‘उफ़ ये ज़िन्दगी’ शाया हुआ। उस्तादों से ‘उफ़ ये ज़िन्दगी’ को भरपूर सराहना मिली। जिंदगी के तमाम मरहलों के साथ-साथ एक सदा-शांत सूफियाना भाव सिया की ग़ज़लों-गीतों का स्थायी भाव है। साहित्य की दूसरी विधाओं पर भी सिया की खूब पकड़ है। उनकी कहानियों पर दो लघु फिल्में बन चुकी हैं। वर्तमान में बरेली (उ.प्र.) में रह रहीं सिया संगीत की छात्रा भी हैं।