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सीखैत रहू / ककबा करैए प्रेम / निशाकर

जीबू
जीबैत रहू
दोसरा लेल
अपना लेल तँ सभ जीबि लै छै।

अकास सुरुज चान तरेगन
बाध बोन पहाड़
झरना नदी समुद्र
सरदी गरमी बरसात
कुकुर बिलाइ बकरी घोड़ा
कौआ कोइली पड़बा कठफोड़वा
बाल वृद्ध वनितासँ
मंगनियेमे सीखू।

जाधरि रहत
साँसक सरगम विद्यमान
सीखैत रहू
जिनगी जीबाक कला।