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सीख मानकै राणी की, राई तै पहाड़ करै मतन्या / हरीकेश पटवारी

सीख मानकै राणी की, राई तै पहाड़ करै मतन्या,
बालक के प्राण लिकड़ज्यांगे, इसी खोटी ताड़ करै मतन्या || टेक ||

बिना कजा बालक मरज्यागा, तनै राव जी के थ्याज्या,
पूनम कैसा चाँद छिपाकै, तनै सबर क्यूकर आज्या,
अपणे आप खेत नै खाज्या, ऐसी बाड़ करै मतन्या,
बिगडै नीत रुखाले की, तू इसा उजाड़ करै मतन्या ||

बात हाथ तै छुट्टे पाछै, फेर वापस कोन्या आवै,
लाया होया रुख तेरा, क्यूँ आपणे हाथां कटवावै
फेर पाछे तै पछतावै, कुणबे का भाड़ करै मतन्या,
आपणे हाथां अपणे घर की, दोसर पाड़ करै मतन्या ||

बारां साल का बच्चा सै, इसनै कामदेव की सार नही,
मैं नेम उठाकै कहूं राव तेरा, गन्दा राजकुमार नही,
इसी त्रिया का इतबार नही, इज्जत दोफाड़ करै मतन्या,
महल हवेली कमरया के तू, बन्द किवाड़ करै मतन्या ||

घर का नाम जरूरी होगा, हाम डर रे सां इस डर म्ह,
बिगड़ी बात संभाल राव, तेरै कल्ह्या जाग रही सै घर म्ह,
हरिकेश जग भर म्ह सबकी, निच्ची नाड़ करै मतन्या,
जुल्म का फल खुवाकै सबकी, खाटटी जाड़ करै मतन्या ||