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सीने में बसर करता है ख़ुशबू सा कोई शख़्स / संकल्प शर्मा
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12:06, 3 दिसम्बर 2010
करता है बसर सीने में जादू सा कोई शख़्स / संकल्प शर्मा का नाम बदलकर सीने में बसर करता है ख़ुशबू सा को
लहराता है उलझे हुए गेसू सा कोई शख़्स।
शाख ऐ
बरगद का
शजर
को देख के वो याद बहुत आया
देखा तो इक हूक सी उट्ठी
, जब
बि
बिछड़ा
था मुझसे मिरे बाजू सा कोई शख़्स।
ग़ज़लों की बदौलत ही तो वो मुझमें बसा है
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