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सुनता हूँ यह आरोप मुझपर लगाया गया था / वाल्ट ह्विटमैन / दिनेश्वर प्रसाद

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सुनता हूँ यह आरोप मुझपर लगाया गया था कि
मैं संस्थाओं को नष्ट करना चाहता था,
किन्तु वास्तव में मैं न तो संस्थाओं के पक्ष में हूँ,
न विपक्ष में,
(सच में, भला उनसे कौन-सी समानता है?
या उनके विनाश में कौन-सी?)
मैं तो मैनहट्ट और इस राज्य के प्रत्येक नगर में
केवल भीतरी प्रदेश और समुद्र तट स्थापित करूँगा,
और मैदान और जँगलों, और पानी में गड्ढा बनाने वाले
प्रत्येक छोटे और बड़े नौतल पर,
बिना भवनों या नियमों या संरक्षकों या किसी
बहस के,
साथियों के बहुमूल्य प्रेम की संस्था ।

मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : दिनेश्वर प्रसाद