Last modified on 3 अगस्त 2020, at 10:11

सुमन की मन-व्यथा क्या है / अंकित काव्यांश

Abhishek Amber (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:11, 3 अगस्त 2020 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

ओ बगीचे!
पूछ कर लिख भेजना मुझको कभी तुम
कंटकों वाले सुमन की मन-व्यथा क्या है?

बिम्ब आभासी
दिखाना चाहता हर एक दर्पण।
एक स्वर
मतभिन्नता का एक करता है समर्पण।

युद्ध का
आरम्भ हो या आरती का हो समापन
शंख की ध्वनि में निमन्त्रण की प्रथा क्या है?


हर कहानी में
नियति का जाल कुछ ऐसा बुना है।
जो महामानव
हुआ उसने सदा दुःख ही चुना है।

एक टूटन
जोड़ती भी है असंभव सा लगे पर
रामेश्वरम के सेतु की पावन कथा क्या है?