Last modified on 18 अगस्त 2014, at 15:14

सूर्य और लैंडस्केप / टोमास ट्रान्सटोमर

सूरज घर के पीछे से निकलता है
सड़क के बीचोबीच खड़ा हो जाता है
और हमसे कानाफूसी करता है
अपनी तप्त हवाओं के जरिए
इंसब्रुक मुझे जाना ही होगा
लेकिन कल
वहाँ एक ललछौंह दीप्ति से युक्त सूरज होगा
धूसर, अधमरे वन में
जहाँ हम कर्मरत होंगे और रह रहे होंगे

(अनुवाद : प्रियंकर पालीवाल)