Last modified on 27 अगस्त 2019, at 04:04

सेब / दिनेश्वर प्रसाद

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 04:04, 27 अगस्त 2019 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दिनेश्वर प्रसाद |अनुवादक= |संग्रह...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मैंने देखे सेब
हरे ललौंहे लाल
सेब
देखे, सिर्फ़ देखा किया

चखने की प्रतीक्षा में
हरे ललौंहे लाल
सेब
सड़ गये ।

(जनवरी 1966)