भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"सैरे-जहाँ / शहरयार" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
पंक्ति 21: पंक्ति 21:
 
*[[हुआ ये क्या कि ख़ामोशी भी गुनगुनाने लगी / शहरयार]]
 
*[[हुआ ये क्या कि ख़ामोशी भी गुनगुनाने लगी / शहरयार]]
 
*[[अब वक़्त जो आने वाला है किस तरह गुज़रने वाला है / शहरयार]]
 
*[[अब वक़्त जो आने वाला है किस तरह गुज़रने वाला है / शहरयार]]
 +
*[[सुनता हूँ कि नहीं इनकारी है इस बात से / शहरयार]]

12:13, 28 सितम्बर 2010 का अवतरण

सैरे-जहाँ
General Book.png
क्या आपके पास इस पुस्तक के कवर की तस्वीर है?
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
रचनाकार शहरयार
प्रकाशक वाणी प्रकाशन, 21-ए, दरिया गंज, नयी दिल्ली-110002
वर्ष 2001
भाषा उर्दू-हिंदी
विषय
विधा ग़ज़लें और नज़्में
पृष्ठ 159
ISBN 81-7055-797-6
विविध ग़ज़लों और नज़्मों का उर्दू से लिप्यांतर ख़ालिद हैदर एवं मुक़्तेदा हुसैन नक़वी द्वारा
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।