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लेखक: [[कुँअर बेचैन]]{{KKGlobal}}[[Category:कविताएँ]]{{KKRachna[[Category:|रचनाकार=कुँअर बेचैन]]}}{{KKCatKavita}}<Poem>सूरज !सोख न लेना पानी !
~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~तड़प तड़प कर मर जाएगीमन की मीन सयानी !सूरज, सोख न लेना पानी !
सूरज बहती नदिया सारा जीवनसाँसें जल की धाराजिस पर तैर रहा नावों-साअंधियारा उजियाराबूंद-बूंद में गूँज रही हैकोई प्रेम कहानी !<br>सूरज, सोख न लेना पानी !<br><br>
तड़प तड़प कर मर जाएगी<br>मन की मीन सयानी !<br>सूरज, सोख न लेना पानी !<br><br> बहती नदिया सारा जीवन<br>साँसें जल की धारा<br>जिस पर तैर रहा नावों-सा<br>अँधियारा उजियारा<br>बूँद-बूँद में गूँज रही है<br>कोई प्रेम कहानी !<br>सूरज, सोख न लेना पानी !<br><br> यह दुनिया पनघट की हलचल<br>पनिहारिन का मेला<br>नाच रहा है मन पायल का<br>हर घुँघुरू घुंघुरू अलबेला<br>लहरें बाँच रही हैं<br>मन की कोई बात पुरानी !<br>सूरज, सोख न लेना पानी !<br><br/poem>