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"सोन-मछली / अज्ञेय" के अवतरणों में अंतर

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हम निहारते रूप
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काँच के पीछे
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रूप काँच के पीछे
 
हाँप रही है, मछली ।
 
हाँप रही है, मछली ।
  

22:13, 18 मई 2012 का अवतरण

हम निहारते
रूप काँच के पीछे
हाँप रही है, मछली ।

रूप तृषा भी
(और काँच के पीछे)
हे जिजीविषा ।