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"सौ गुलाब खिले / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर

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#REDIRECT [[सौ गुलाब खिले / ग़ज़लें]]
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* [[अंधेरी रात के परदे में झिलमिलाया किये]]
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* [[अगर समझो तो मैं ही सब कहीं हूँ]]
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* [[अपने हाथों से ज़हर भी जो पिलाया होता]]
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* [[अब क्यों उदास आपकी सूरत भी हुई है]]
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* [[अब हमारे वास्ते दुनिया ठहर जाए तो क्या!]]
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* [[आँखों-आँखों में ही दोस्ती हो गयी]]
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* [[आज तो शीशे को पत्थर पे बिखर जाने दे]]
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* [[आप क्यों जान को यह रोग लगा लेते हैं]]
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* [[आप, हम और कुछ भी नहीं!]]
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* [[आये थे जो बड़े ही ताव के साथ]]
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* [[उतरती आ रही हैं प्राण में परछाइयां किसकी!]]
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* [[उनकी आँखों में प्यास देखेंगे]]
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* [[उन्हींकी राह में मरना कहीं होता तो क्या होता!]]
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* [[उन्हें बाँहों में बढ़कर थाम लेंगे]]
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* [[एक अनजान बिसुधपन में जो हुआ सो ठीक]]
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* [[कभी सर झुका के चले गए, कभी मुँह फिरा के चले गये]]
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* [[कभी हमसे खुलो जाने के पहले]]
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* [[कहाँ पर हमको उमीदों ने लाके छोड़ दिया]]
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* [[क्या ज़िन्दगी को दीजिये क्या-क्या न दीजिये!]]
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* [[क्या बने हमसे भला कागज़ की तलवारों से आज!]]
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* [[किसीकी शबनमी आँखों में झिलमिलाये हुए]]
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* [[कुछ उन्हें मेरा ध्यान हो भी तो!]]
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* [[कुछ ऐसे साज को हमने बजाके छोड़ दिया]]
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* [[कुछ जगह उनके दिल में पा ही गयी]]
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* [[कुछ हम भी लिख गये हैं तुम्हारी किताब में]]
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* [[कोई साथी भी नहीं, कोई सहारा  भी नहीं]]
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* [[कोई हमीं से आँख चुराए तो क्या करें!]]
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* [[कोई हमें सताए, सताता ही जाए तो]]
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* [[खनक कुछ कम भी हो तो कम नहीं है]]
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* [[खिली गुलाब की दुनिया तो है सभी के लिये]]
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* [[चुप तो किसी भी बात पर रहते नहीं हैं हम]]
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* [[चले भी आइये क्यारी में सौ गुलाब खिले]]
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* [[जहां है दिल ने पुकारा, वहीं जाना होगा]]
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* [[जान उन पर लुटाके बैठ गए]]
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* [[ज़िन्दगी को यों ही भरमाया किये]]
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* [[ज़िन्दगी दर्द का दाह है]]
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* [[जो कहते हैं, 'हमसे लड़ाई हुई है']]
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* [[जो जीवन में दुःख की घटा बन गयी है]]
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* [[जो पीने में ज्यादा या कम देखते हैं]]
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* [[जो रोते हैं ऐसी ही बातों में आप]]
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* [[झलक भी प्यार की कुछ उसमें मिल गयी होती]]
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* [[तुम्हारे रूप को चाहे भला कहे तो कहे]]
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* [[तेरी तिरछी अदाओं पर जिन्हें मरना नहीं आता]]
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* [[दम न छूटे तो चारा नहीं]]
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* [[दिया भी याद का इसमें जला के रक्खा है]]
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* [[दिल के लुट जाने का गम कुछ भी नहीं!]]
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* [[दिल्लगी और ही है, दिल की लगी और ही है]]
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* [[दिल उनसे प्यार के नाते तो कोई दूर न था]]
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* [[दिल की तड़पन देखिये, दुनिया की ठोकर देखिये]]
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* [[दिल को तुम्हारे वादे का ऐतबार तो रहे]]
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* [[दीप जलता ही रहेगा रात भर]]
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* [[दुनिया को अपनी बात सुनाने चले हैं हम]]
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* [[दो घड़ी की हँसी-खुशी के लिए]]
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* [[नज़र अब उनसे मिलाने की बात कौन करे!]]
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* [[नज़र नज़र से ही टकराए और कुछ मत हो]]
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* [[नज़र से दूर भी जाने से कोई दूर न था]]
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* [[नहीं एक दिल की लगी छूटती है]]
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* [[नहीं कोई भी मरने के सिवा अब काम बाक़ी है]]
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* [[नहीं दुःख ये भार होता, न ये इंतज़ार होता]]
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* [[न होंठ तक कभी आई, न मन के द्वार गयी]]
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* [[निराश प्राण में आशा के सुर सजाते चलो]]
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* [[पहले तो मेरे दर्द को अपना बनाइए]]
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* [[प्यार की बात न कर प्यार को बस रहने दे]]
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* [[प्यार को हम न कोई नाम दिया चाहते हैं]]
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* [[प्यार में यों भी जीना हुआ]]
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* [[प्राण में गुनगुना रहा है कोई ]]
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* [[फिर उन्हें हम पुकार बैठे हैं ]]
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* [[फिर किसी प्यार की पुकार है आज  ]]
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* [[बड़ी हसीन है सपनों की रात, चुप भी रहो ]]
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* [[बहुत हमने खोया, बहुत हमने पाया ]]
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* [[बात होनी थी, होके रही]]
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* [[बातें हम अपने प्यार की, उनसे छिपाके कह गये ]]
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* [[बिना अब आपके जीना तो साँसें जोड़ना ठहरा ]]
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* [[भले ही दिल न मिले आँख चार होती रहीं ]]
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* [[भले ही बाग़ में कोयल भी है, बहार भी है ]]
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* [[भोर होनी थी होके रही ]]
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* [[मिलके आँखें हें छलछलायी क्यों! ]]
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* [[मुझे भी अपना बना लो, बहुत उदास हूँ मैं ]]
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* [[मुँह से कहते नहीं, 'गुलाब भी है']]
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* [[मिलने की हर खुशी में बिछुड़ने का गम हुआ]]
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* [[मेरा जीना प्यार का जीना, उनकी बातें काम की बातें ]]
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* [[मेरी चुप्पी भी उनको भा ही गयी ]]
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* [[मौत आँखें दिखाती रही]]
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* [[यह ज़िन्दगी तो कट गयी काँटों की डाल में ]]
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* [[यह तो वेला है ढलती रही ]]
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* [[रहे न चाँद, यही चाँदनी रहे न रहे ]]
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* [[लगी है चोट जो दिल पर बता नहीं सकते]]
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* [[लुभा रही है बहुत उनकी देखने की अदा ]]
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* [[वनों में आग है, बिजली भी आसमान में है]]
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* [[वहीं जो पाँव ठिठक जाय, क्या करे कोई! ]]
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* [[विश्व उद्यान है, भ्रमण कर लो]]
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* [[वैसे तो आज प्यार में हारे हुए हैं हम ]]
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* [[सबसे आँखें तो चार करते हैं]]
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* [[सभी तरफ है अँधेरा, कहीं भी कोई नहीं ]]
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* [[साज़ क्यों बज नहीं पाता है, कोई बात भी हो! ]]
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* [[सुनते नहीं हैं पाँव की आहट कहीं से हम]]
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* [[हम अपनी उदासी का असर देख रहे हैं ]]
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* [[हम अपने मन का उन्हें देवता समझते हैं ]]
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* [[हम उनको अपना बना लें, कभी वो खेल तो हो ]]
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* [[हमसे किसी का प्यार छिपाया न जाएगा ]]
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* [[हम यों भी कभी प्यार की ठोकर में जी गये]]
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* [[हमारी रात अँधेरी से चाँदनी बन जाय]]
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* [[हमारे प्यार का सपना भी आज टूट न जाय ]]
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* [[हमारे सामने आओ कि हम भी देख सकें ]]
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* [[हमारे सुर से किसी का सिंगार हो तो हो ]]
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* [[हमेशा दूर ही रहते हैं आप, क्या कहिए]]
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* [[हमें तो कहते हो,'अपना ख़याल है कि नहीं?']]
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* [[हरदम किसी की याद में जलते रहे हैं हम]]
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* [[हुआ है प्यार भी ऐसे ही कभी साँझ ढले ]]

06:03, 8 अगस्त 2009 का अवतरण


सौ गुलाब खिले
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रचनाकार गुलाब खंडेलवाल
प्रकाशक
वर्ष
भाषा हिंदी
विषय
विधा
पृष्ठ
ISBN
विविध
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।