छोडिये ज़िक्र उस ज़माने के, वो फ़साने हैं दिल दुखाने के । एक कोशिश है भूल जाने की, सौ वज़ूहात याद आने के । ऐसे जाना भी क्या यार जाना, तोड़कर पुल गरीबख़ाने के । रामजी मुझको और दुःख दे दो काम आएँगे गम भुलाने के ।