मिटे तिमिर, मालिन्य सब,
स्वागत है नव-वर्ष।
नित्य नयी कोपल खिलेँ,
सदा हो मन में हर्ष॥
प्रेम और सद्भाव का,
हर दिल मेँ हो अक्स।
बाधाएँ होँ दूर सब,
प्रगति मार्ग हो प्रशस्त॥
ज्ञान और विज्ञान का,
पूरा हो हर स्वप्न।
नारी का सम्मान हो,
मिटे भावना भ्रष्ट॥
विघटनकारी तत्व सब,
दिखेँ हौसला-पस्त।
देश-प्रेम की भावना,
यत्र, तत्र, सर्वत्र॥
"आशा" और विश्वास का,
प्रतिपल हो उत्कर्ष।
सपरिवार हो आपको,
मँगलमय नव-वर्ष...!