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हँसी-हँसी पूछेली ललिता विसाखा से / महेन्द्र मिश्र

हँसी-हँसी पूछेली ललिता विसाखा से
से नयनवाँ काहे के लगवलऽ हो श्याम।
दही मोरा खइलऽ स्याम बड़ी नीक कइलऽ
से मटुकिया काहे के तू फोड़ लऽ हो स्याम।
कदम के डाढ़ी चढ़ी बंसिया बजबलऽ
से पिरीतीया काहे के लगवलऽ हो स्याम।
कहत महेन्द्र स्याम मोहलऽ परानवाँ
पिरीतिया लगा के दगा कइलऽ हो स्याम।