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हंसो हंसो सब फूल कह रहे / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ

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हंसों हंसों सब फूल कह रहे
चिड़िया गाने को कहती
तोता 'राम राम' रटता है
तितली उड़ाने को कहती
भौंरे प्यार सिखाते सबको
चींटी 'श्रम कर लो' कहती
हवा सुगन्धित चलते चलते
यश फैलाने को कहती
पेड़ सभी कहते छाया लो
राहें चलने को कहती
बच्चों सब मिलजुल कर खेलो
दादी यह सबसे कहती।