Last modified on 19 दिसम्बर 2015, at 19:57

हमारे अंदर भी एक बागीचा है / राग तेलंग

कुछ फूल
खिलने के लिए
बिजली गिरने का मौका ढूंढते हैं

कुछ फूल धीरे-धीरे खिलते हैं
रेशमी छुअन के साथ-साथ

कुछ फूल निहारने से ही खिल उठते हैं

सोचो तो
मन में ही खिल उठते हैं कुछ फूल

फूलों के खिलने की वजहें
गिनाई नहीं जा सकती

मौसमों के आने का इंतजार
कई फूल नहीं करते।