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हमें तुम भा गये मौसम / उर्मिल सत्यभूषण

तुम्हारे सप्तवर्णी फूल
मन को भा गये मौसम
कि रंग ऋतुराज के अनुकूल
रस बरसा गये मौसम
हमें तुम भा गये मौसम
नशीले आ गये मौसम
लिये संदेश फागुन के
उमड़ते गीत उन्मन से
उड़े पाखी स्मृति वन से
हृदय तक आ गये मौसम
रंगीले आ गये मौसम
हमें तुम भा गये मौसम
हुये मधुमास में अनुबंध
सुमन सौरभ सरस संबंध
पुनीता परम पावन गंध
से महका गये मौसम
रसीले आ गये मौसम
हमें तुम भा गये मौसम
धरा धारे वासंती साज
कहीं पन्ने, कहीं पुखराज
कुसुम किसलय जड़ित तरुताज
पहने आ गये मौसम
छबीले आ गये मौसम
हमें तुम भा गये मौसम
हरित संवेदना के फूल
खिले हैं भावना के कूल
प्रिय रसराज रंग की धूल
में नहला गये मौसम
सजीले आ गये मौसम
हमें तुम भा गये मौसम।