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हम्में आरोॅ तोहें / राकेश रवि

हमरोॅ तोरोॅ की नाता?
हम्में जोॅ तोंय जाँता।
हमरा सबकेॅ के पूछै छै
जे चाहै छै पीसै छै
देश दुनियाँ में नाम कमावोॅ
एक दोसरा केॅ खूब लड़ावोॅ
जात-पात के नामोॅ पर
मंदिर-मस्जिद खूब गिरावोॅ
गंगा मैया के धामों पर
खूनोॅ के तोंय अर्घ चढ़ावोॅ
दूरे सें प्रणाम करै छीं तोरा
तांेही हमरोॅ भाग्य विधाता
पर हमरोॅ तोरोॅ की नाता?
हम्में होॅ तोंय जाँता।

अफिसरो चपरासी यहाँ
काल के झगड़ा; बासी यहाँ।
जे कहै छौं से तों करोॅ
तभिये मिलथौं साबासी यहाँ
यहाँ करोॅ हरकामे निराला
भीतर-बाहर सगरे ताला
जे पड़लोॅ छौं से पड़लोॅ छौं
जेना आफिसोॅ के पंेडिग खाता।
हमरोॅ तोरोॅ की नाता?
हम्में होॅ, तोंय जाँता।