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हम अपनी मोहब्बत को अहसास नया देंगे / रंजना वर्मा

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हम अपनी मुहब्बत को अहसास नया देंगे हैं प्यार किसे कहते दुनियाँ को दिखा देंगे

अब तक तेरी उल्फ़त के हम गीत रहे गाते तुझको नहीं गवारा तो दिल से भुला देंगे

टेढ़ी जो नजर करके देखेगा कोई हमको इक पल में उसे उसकी औकात बता देंगे

नफरत के अँधेरों में सूरज नया उगेगा हम हर चमन में उल्फ़त के फूल खिला देंगे

आंखों के घरौंदे में रहता तू रहा अब तक दुनियाँ से छुपा तुझ को हम दिल मे बसा लेंगे

कहते हैं लोग मोहन को सिर्फ एक कहानी हम उसको रिसाले का किरदार बना देंगे

आ जा मेरे कन्हैया इक बार इस गली में हम तुझसे मुहब्बत का हर फ़र्ज़ निभा देंगे </poem>