Last modified on 21 मई 2011, at 04:39

हम / नवनीत पाण्डे

आंखों की जगह आंखें हैं
फ़िर भी अंधे हैं
हाथों की जगह हाथ है
फ़िर भी लूले हैं
पांवों की जगह पांव है
फ़िर भी लंगड़े हैं
दिमाग की जगह दिमाग है
फ़िर भी पागल हैं
हम
समय के सबसे बड़े सच हैं
फ़िर भी झूठे हैं