Last modified on 9 जुलाई 2014, at 17:50

हरी ये जरी की हे मां चुन्दड़ी जी / हरियाणवी

हरी ये जरी की हे मां चुन्दड़ी जी,
हे जी कोई दे भेजी मेरी माय, इन्द राजा नै झड़ी ए लगा दई जी
अलां तो पलां हे मां मेरी घुँघरू जी,
एजी कोई बीच मायड़ के लाड़, इन्द राजा नै झड़ी ए लगा दई जी
बैठूं तो बाजै हे मां मेरी चुंदड़ी जी,
ए जी कोई पियारे मायड़ के बोल, इन्द राजा नै झड़ी ए लगा दई जी
पीहर में बेटी हे मां मेरी न्यूँ रह्वै जी,
ए जी कोई ज्यूँ खिचड़ी बीच घी, इन्द राजा नै झड़ी ए लगा दई जी