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हरे रंग का सूट / गौतम राजरिशी

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हरे रंग का सूट तेरा वो और हरे रंग की मेरी वर्दी
एक तो तेरी याद सताये उसपे मौसम की सर्दी
सोया पल है सोया है क्षण
सोयी हुई है पूरी पलटन
इस पहर का प्रहरी मैं
हर आहट पे चौंके मन
मिलने तुझसे आ नहीं पाऊँ,उफ!ये ड्युटी की बेदर्दी
एक तो तेरी याद सताये उसपे मौसम की सर्दी
क्षुब्ध ह्रिदय है आँखें विकल
तेरे वियोग में बीते पल
यूँ तो जीवन-संगिनी तू
संग अभी किन्तु राईफल
इस असह्य दूरी ने हाय क्या हालत मेरी है कर दी
एक तो तेरी याद सताये उसपे मौसम की सर्दी