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हर एक आवाज़ अब उर्दू को फ़रियादी बताती है
यह पगली फिर भी अब तक ख़ुद को शहज़ादी बताती है
हर एक आवाज़ अब उर्दू को फ़रियादी कई बातें मुहब्‍बत सबको बुनियादी बताती है<br>यह पगली फिर भी अब तक ख़ुद को शहज़ादी जो परदादी बताती थी वही दादी बताती है<br><br>
जहाँ पिछले कई बातें मुहब्‍बत सबको बुनियादी बताती है<br>बरसों से काले नाग रहते हैंजो परदादी बताती थी वही वहाँ एक घोंसला चि‍ड़‍ियों का था दादी बताती है<br><br>
जहां पिछले कई बरसों से काले नाग रहते हैं<br>अभी तक यह इलाक़ा है रवादारी के क़ब्‍ज़े मेंवहां एक घोंसला चि‍ड़‍ियों का था दादी अभी फ़‍िरक़ापरस्‍ती कम है आबादी बताती है<br><br>
अभी तक यह इलाक़ा यहाँ वीरानियों की एक मुद्दत से हुकूमत है रवादारी के क़ब्‍ज़े में<br>अभी फ़‍िरक़ापरस्‍ती कम यहाँ से नफ़रतें गुज़री है आबादी बरबादी बताती है<br><br>
यहां वीरानियों की एक मुद्दत से हुकूमत है<br>लहू कैसे बहाया जाय यह लीडर बताते हैंयहां से नफ़रतें गुज़री लहू का ज़ायक़ा कैसा है बरबादी यह खादी बताती है<br><br>
लहू कैसे बहाया जाय यह लीडर बताते हैं<br>लहू ग़ुलामी ने अभी तक मुल्‍क का ज़ायक़ा कैसा पीछा नहीं छोड़ाहमें फिर क़ैद होना है यह खादी ये आज़ादी बताती है<br><br>
ग़ुलामी ने अभी तक मुल्‍क का पीछा ग़रीबी क्‍यों हमारे शहर से बाहर नहीं छोड़ा<br>जातीहमें फिर क़ैद होना है ये आज़ादी अमीर-ए-शहर के घर की हर इक शादी बताती है<br><br>
ग़रीबी क्‍यों हमारे शहर से बाहर नहीं जाती<br>अमीर-ए-शहर के घर की हर एक शादी बताती है<br><br> मैं उन आंखों आँखों के मयख़ाने में थोड़ी देर बैठा था<br>मुझे दुनिया नशे का आज तक आदी बताती है<br><br/poem>
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