भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

हर जगह ये आशियाना किस का है / फ़ारूक़ इंजीनियर

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:46, 30 सितम्बर 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=फारुख़ इंजीनियर }} {{KKCatGhazal‎}} <poem> हर...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

  
हर जगह ये आशियाना किस का है
ज़र्रे-ज़र्रे में ठिकाना किस का है

शाम को रंगीन किस ने कर दिया
सुब्ह-दम मंज़र सुहाना किस का है

कौन पानी दे रहा हैं पेड़ को
चोंच मे चिड़िया की दाना किसका है

मुर्ग़ हैं किस की सना ख़्वानी में गुम
अन्दलीबो ये तराना किस का है

रास्तों पर कौन है साया फ़िगन
परबतों पर शामियाना किस का है

किस ने मोती बादलों में भर दिये
इस समन्दर में ख़जा़ना किस का है

ज़र्रे-ज़र्रे में नज़र आता है कौन
ये जहां आईना ख़ाना किस का है

कौन हैं ‘फ़ारूक़’ सब का राज़दां
सब से ऐसा दोस्ताना किस का है