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हवा-
ए-तुन्द तुन्द में<ref>तेज़ हवा में</ref> ठहरा ठहरा न आशियाँ अपना।
चराग़ जल न सका ज़ेरे आस्माँ अपना॥
जरसने<ref>यात्री दल के ऊँटॊं की घंटी की आवाज़ ने</ref> मुज़द-ए-मंज़िल<ref>यात्रा का अंत होने की ख़ुशखबरी</ref> सुना के चौंकाया।
निकल चला था दबे पाँव कारवाँ अपना॥