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हवाए-तुन्द में ठहरा न आशियाँ अपना / यगाना चंगेज़ी

हवा-ए-तुन्द में<ref>तेज़ हवा में</ref> ठहरा न आशियाँ अपना।

चराग़ जल न सका ज़ेरे आस्माँ अपना॥


जरसने<ref>यात्री दल के ऊँटों की घंटी की आवाज़ ने</ref> मुज़द-ए-मंज़िल<ref>यात्रा का अंत होने की ख़ुशखबरी</ref> सुना के चौंकाया।

निकल चला था दबे पाँव कारवाँ अपना॥


ख़ुदा किसी को भी यह ख़्वाबेबद न दिखलाए।

क़फ़स के सामने जलता है आशियाँ अपना॥



शब्दार्थ
<references/>