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"हाँ इजाज़त है अगर कोई कहानी और है / मुनव्वर राना" के अवतरणों में अंतर
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इन कटोरों में अभी थोड़ा सा पानी और है | इन कटोरों में अभी थोड़ा सा पानी और है | ||
− | + | मज़हबी मज़दूर सब बैठे हैं इनको काम दो | |
+ | इक इमारत शहर में काफी पुरानी और है | ||
− | + | ख़ामुशी कब चीख़ बन जाये किसे मालूम है | |
+ | ज़ुल्म कर लो जब तलक ये बेज़बानी और है | ||
− | + | ख़ुश्क पत्ते आँख में चुभते हैं काँटों की तरह | |
+ | दश्त में फिरना अलग है बाग़बानी और है | ||
− | + | फिर वही उकताहटें होंगी बदन चौपाल में | |
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बस इसी अहसास की शिद्दत ने बूढ़ा कर दिया | बस इसी अहसास की शिद्दत ने बूढ़ा कर दिया | ||
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14:00, 26 अप्रैल 2013 के समय का अवतरण
हाँ इजाज़त है अगर कोई कहानी और है
इन कटोरों में अभी थोड़ा सा पानी और है
मज़हबी मज़दूर सब बैठे हैं इनको काम दो
इक इमारत शहर में काफी पुरानी और है
ख़ामुशी कब चीख़ बन जाये किसे मालूम है
ज़ुल्म कर लो जब तलक ये बेज़बानी और है
ख़ुश्क पत्ते आँख में चुभते हैं काँटों की तरह
दश्त में फिरना अलग है बाग़बानी और है
फिर वही उकताहटें होंगी बदन चौपाल में
उम्र के क़िस्से में थोड़ी-सी जवानी और है
बस इसी अहसास की शिद्दत ने बूढ़ा कर दिया
टूटे-फूटे घर में इक लड़की सयानी और है