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हाइकु / कमला निखुर्पा / रश्मि विभा त्रिपाठी

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1
नभ मंडप
सेहरा बाँध आया
सूरज दूल्हा।

नभ मँडवा
सेहरा बाँन्हि आवा
सुर्ज दुलहा।
2
सरसों संग
अरहर भी झूमीं
हवा भी दंग।

लईया संग
अर्हीअउ कौड़िसि
हवऔ हौच।
3
आई हिचकी
अभी- अभी भाई ने
चोटी जो खींची।

आइसि हिच्की
अब्हीं- अब्हीं जौं भाई
चोटी ऐंचिसि।
4
जेठ की धूप
शीतल पुरवाई
मेरा ये भाई।

ज्याठ कै घाम
जूड़ पुरवईया
मोर ई भैय्या।
5
गौरैया प्यारी
बसना इसी गाँव
खो न जाना

गरैया प्यारी
बसिउ इहै गाँवै
हेरा न जायौ।
6
पीपल कहे
आना जल्दी बिटिया
राह तकूँ मैं।

पिपरा कहै
आइउ बेगि बेटी
राह हेरौं मैं।
7
मन में छुपी
यादों की गठरिया
बोझिल हुई।

हिय मा लुकि
सुधियन क आँटा
गरुहर भा।
8
थामना हाथ
समय की आँधी में
मिटे ना याद।

गहिउ हाँथ
समै कै आँन्ही माहि
नासै न सुधि।
9
तुम्हारी याद
ज्यों बदली से झाँके
पूनों का चाँद।

तुम्हरी सुधि
जौं बदरी ते उझ्कै
पूनौं क चन्ना।
10
राखी को चूमे
बचपन में झूमे
सिपाही भैया।

राखी का चुम्मै
लरिकाई माँ झूमै
सिपाही भैया।
11
जीवन- जंग
कभी हारना नहीं
बहना संग।

जीबन रारि
कबौ हारिउ नाहीं
बहिनी संग।
12
रहूँ मैं कहीं
मेरी पीर तुमसे
न जाए सही

रहौं हौं कहूँ
मोरी पीर तुमते
न जावै सही।
-0-