Last modified on 27 जुलाई 2018, at 13:36

हाइकु 140 / लक्ष्मीनारायण रंगा

किणी न किणी
फ्रेम कसियोड़ा हां
आपां सगळा


नईं पैछाण
आज रै मिनख री
सिंथेटिक है


आथूण करै
रो-रो‘र आंख लाल
रवि आथमा