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हाइकु 45 / लक्ष्मीनारायण रंगा

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आज संबंध
तीखी आलपिनां ज्यूं
चुभै ई चुभै


म्हारा नैणां तो
जिया है रातीजोगा
आखी ऊमर


खांधै बाळक
लागै हूं ई बणग्यो
ऊंचो अकास