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हाइकु 70 / लक्ष्मीनारायण रंगा

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सूरज धणी
है रंगां रो भंडार
रंग जग नैं


नान्हो मुळकै
लागै आंगण लै‘रै
रस-समंद


रियलिट शो
पुरसै है प्रेम सूं
कूड़ ई कूड़