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हासिले-फ़िक्रे नारसा क्या है / यगाना चंगेज़ी

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हासिले-फ़िक्रे नारसा क्या है।
तू खु़दा बन गया बुरा क्या है॥

कैसे-कैसे ख़ुदा बना डाले।
खेल बन्दे का है ख़ुदा क्या है॥

दर्दे-दिल की कोई दवा न हुआ।
या इलाही! यह माजरा क्या है।।

नूर ही नूर है कहाँ का ज़हूर।
उठ गया परदा अब रहा क्या है॥

रहने दे हुस्न का ढका परदा।
वक़्त-बेवक़्त झाँकता क्या है॥