भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
हिटलर से पलायन करते नौवें साल में / बैर्तोल्त ब्रेष्त / देवेन्द्र मोहन
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:06, 29 जून 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= बैर्तोल्त ब्रेष्त |अनुवादक=देवे...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
हिटलर से पलायन करते नौवें साल में
कमरतोड़ यात्राओं से थककर
फ़िनलैण्ड की सर्दी में ठण्ड और भूख से त्रस्त
और दूसरे महादेश में भागने के लिए पासपोर्ट की प्रतीक्षा में
हमारी कॉमरेड स्तेफ़िन<ref>ब्रेष्त की दिवंगत कवयित्री प्रेमिका, जो मसक्वा में टी०बी० और ठण्ड के कारण मर गई थी</ref> मर गई
मसक्वा के लाल शहर में ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : देवेन्द्र मोहन
शब्दार्थ
<references/>