Last modified on 24 मई 2016, at 22:11

हुनका मनाय लेबेॅ चूड़ी खनकाय देवै / अनिल शंकर झा

हुनका मनाय लेबेॅ चूड़ी खनकाय देवै
नैन मुस्काय देवै, पलक झँपाय केॅ।
नैन सें रिझाय फनु बैन सें खिझाय देवै
सैन सें गिराय देवै धनुष चलाय केॅ।
सौ उलाहनाय देबै, लोर ढरकाय देवै
हुनका डुवाय देवै कजरा बहाय केॅ।
यहू पेॅ जों जड़ता तेॅ जी केॅ समझाय लेवै
लागी पिया पाँव लेबै सिसकी दवाय केॅ॥