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"हेमलेट / बरीस पास्तेरनाक / हरिवंश राय बच्चन" के अवतरणों में अंतर

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शोर बन्द हो गया । मंच पर मैं हाज़िर हूँ,
 
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दरवाज़े के पास खड़ा हो सोच रहा हूँ,
 
दरवाज़े के पास खड़ा हो सोच रहा हूँ,
दूरागत प्रतिध्च्वनियाँ सुनता,  
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दूरागत प्रतिध्वनियाँ सुनता,  
 
मेरे जीवन में जो कुछ घटनेवाला है ।
 
मेरे जीवन में जो कुछ घटनेवाला है ।
  

14:56, 22 मार्च 2023 का अवतरण

शोर बन्द हो गया । मंच पर मैं हाज़िर हूँ,
दरवाज़े के पास खड़ा हो सोच रहा हूँ,
दूरागत प्रतिध्वनियाँ सुनता,
मेरे जीवन में जो कुछ घटनेवाला है ।

रात अन्धेरी मेरी ओर चली आती है,
शत-शत नाट्य-घरों में होती;
परम पिता, यदि सम्भव हो तो,
अबकी बार ज़हर का प्याला पड़े न पीना ।

दुर्निवार्य उद्देश्य तुम्हारा मान्य मुझे है,
मैं अपनी भूमिका अदा करने को तत्पर,
किन्तु यह नया नाटक, मैं नव अभिनेता हूँ,
एक बार मुझको अपना होकर जीने दो ।

आह ! जानता हूँ अंकों का क्रम निश्चित है,
नियत अन्त से बचना सम्भव कभी नहीं है,
मैं एकाकी हूँ, पाखण्डी-दल रचता है ताना-बाना ।
(फँसना होगा !)

  • अपना जीवन जीना ऐसा सरल नहीं है

                                    जैसे खेत पार कर जाना !

  • अन्तिम वाक्य एक रूसी कहावत है।

                                               
अँग्रेज़ी से अनुवाद : हरिवंश राय बच्चन