भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

होळै-सी’क झरग्यो पत्तो एक / सांवर दइया

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

स्व. हेमाराम शर्मा नै याद करतां

होळै-सी’क झरग्यो पत्तो एक
पेड़ सूनो करग्यो पत्तो एक

पीळो पड़्‌या बिना ई खिरग्यो
जुलम जबरो करग्यो पत्तो एक

हेलो करता रैया- तूं मत जा
पण अणसुणी करग्यो पत्तो एक

मन री बातां स्सै मन में रै’गी
म्हांनै एकलो करग्यो पत्तो एक

सगळी ओप उतरगी बसंत री
जग अडोळो करग्यो पत्तो एक