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हौ एत्तेक बात आय चुहरा सुनै छै / मैथिली लोकगीत

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

हौ एत्तेक बात आय चुहरा सुनै छै
हा तबे जवाब आय चुहरा दै छै
सुनियौ यौ मालिक दिल के वार्त्ता
हम आय जेबै मोकमागढ़मे
हमरा बदला के नौकरी करतै
तेकर सुरतिया हमरा देखबीयौ
कनी सुरतिया हम आय नजरि से देखबै यौ
हौ सोझहामे सीरी नरूपिया छयलै
आ अलख नजरिया चुहर के पड़ि गेल
मने मन विचार करैय
सुनऽ सुनऽ हौ दादा नरूपिया
तोरा कहै छी दिल के वार्त्ता
केना एलऽ राज पकरिया
केना के नौकरिया हमरा देवता छोराबै छहक हौ।।
हौ केना नौकरिया हमरा छोड़ाबै छह।
जाति दुसाध नरूपिया कहाबै छह
जाति मगहिया हम छीयै
हमर नौकरी नै देवता छोड़बीयौ
इनती करै छी विनती करै छी
दस नह देवता हम जोड़ै छी
हमरा नै पहरा नौकरी देवता करियौ यौ
एत्ते बात आय चुहरा कहै छै
तब नै नरूपिया बोली बोलै छै
हकन बिकन आय चुहर कनैय
हौ अपना हाथ के लाठी आय रखलकै
अस्सी मन के डंटा छेलै
तब जवाब राजा के कहैय
सुनियौ मालिक दिल के वार्त्ता
जे क्यो अस्सी मन के डंटा उठौतै
तब बुझबै नौकर रहतै
हमरा बदलामे नौकरी करतै।
एत्ते जाँचवा मालिक ड्योढ़ी परमे दै छीयै यौ।