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125 / हीर / वारिस शाह

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मलकी आखदी सद तूं हीर तांई झब हो तूं औलिया नाईया वे
अलफू मोचिया मौजमा वागिया वे ढुडू माठिया भज तूं भाईया वे
वारस शाह माही हीर नहीं आई मेहर मंगूआं दी घरों आईंया वे

शब्दार्थ
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