Last modified on 31 मार्च 2017, at 11:10

136 / हीर / वारिस शाह

गल पा के सेलियां<ref>रस्सी</ref> लाह टोपी पाड़ जुलीयां संघ नूं घुटया ने
भन्न दौर कुदके लड़न लतीं रोहड़ विच खुडल<ref>उखल</ref> दे सुटयां ने
झंजोड़ के कुट के तोड़ मोढा लांगड़<ref>लंगोट</ref> पा धड़ा धड़ कुटया ने
वारस शाह दाड़ीपुट फाड़ दिती हथ एह तां बड़ा अखेतरा सुटयो ने

शब्दार्थ
<references/>